Fish slurry Based 3 in 1Booster
₹ 599 / Piece
₹ 749
20%
⚜️Fish Slurry Based 3 In 1 Booster⚜️
👨🌾*Fish Slurry Based Organic Manure*
🚀100 % Power full Organic Manure.
✅ फिश स्लरी बेस्ट ऑरगॅनिक मॅन्युअर हे एक अद्भुत खत, कीटकनाशक, व्हायरस नाशक व फंगी साईड म्हणून काम करते.
✅यामध्ये पिकांसाठी उपयुक्त असलेले सर्व घटक यामध्ये उपलब्ध होतात.
✅ फळबाग भाजीपाला पिके फुलशेती तृणधान्य वर्गीय पिके मसाले वर्गीय पिके यासाठी आपण उपयोग करू शकता.
🚀All In one
✅*सफेद मुळांची वाढ+झाडांची वाढ व पानांची चकाकी+फुलांमध्ये वाढ+उत्पादनात वाढ*
✅*3 In 1 Booster(टॉनिक, कीटकनाशक, व्हायरस नाशक व बुरशीनाशक)* यावर १०० % उपयोगी.*
*सर्व प्रकारच्या पिकांसाठी*
🫚🍉🍍🍌🥭🍉🍒🌶️🍆🫑🥜🍇🌻🧄🍏🍈🥥🌽
*डाळिंब, संत्रा, मोसंबी, लिंबू, द्राक्ष, कापूस, सिताफळ, केळी, शेवगा, ऊस, टरबूज, खरबूज, कांदा, मिरची, टोमॅटो, वांगी, शिमला, भेंडी, कारली, दोडका, भोपळा, पपई, केळी, कोथिंबीर, मेथी, कोबी, फ्लाॅवर, सोयाबीन, तुर, हरभरा व इतर सर्व भाजीपाला Fish Slurry Based Organic Manure वापर करू शकता*
🔰Fish Slurry Based Organic Manure मधील घटक:-
*Fishmeal Slurry 70-75% ,FishOil,Herbal Bitterant Extract,Neemoil,Humic,Fulvic,Amino,Seaweed Extract,Cow Urine,Goat Urine,Sarso Khali,Castor Cake,Groundnut Cake,Jaggery,Tamarind,N-P-K Liquid Consortia*
*🔰लिक्विड फिश फर्टिलायझर हे एक सेंद्रिय खत आहे जे समुद्री माशांपासून बनवले जाते.*
*🔰हे एका अद्वितीय थंड एन्झाइमॅटिक प्रक्रियेद्वारे तयार केले जाते जे जीवनसत्त्वे, अमीनो ऍसिडस्, एन्झाईम्स, प्रथिने, खनिजे आणि ग्रोथ हार्मोन्सचे संरक्षण करते.*
*🔰यामध्ये फिश ऑइल, नीम ओईल, लसुन पेस्ट,एरंडेल तेल व ढेप असल्या कारणांनी पिकावर रस शोषित, अळी व कीटकांचा प्रादुर्भाव होत नाही. आणि आपली पिके सुरक्षित राहतात.*
*🔰 माशांमध्ये नैसर्गिकरीत्या आढळणारे सर्व सूक्ष्म आणि मॅक्रो पोषक घटक देखील त्यात असतात.*
*❇️बियाणे उगवण वाढते:*
पेरणीपूर्वी द्रव फिश खतासह बियाणे भिजवल्यास बियाणे उगवण, मुळांची वाढ आणि रोपांची लवकर जोम सुधारते. लिक्विड फिश खताचा वापर रूटिंग सोल्यूशन म्हणून देखील केला जाऊ शकतो. मुळे विकसित होईपर्यंत कटिंग्ज द्रव फिश खत आणि पाण्याच्या द्रावणात ठेवा, नंतर लागवड करा. हे प्रत्यारोपणाचा धक्का कमी करते आणि मुळांच्या वाढीस गती देते.
*❇️जमिनीची सुपीकता समृद्ध करते:*
माशांच्या खतामुळे जमिनीचे आरोग्य सुधारते, तसेच वनस्पतींना वाढण्यासाठी आवश्यक असलेली प्राथमिक पोषक तत्वे पुरवून जमिनीची सुपीकता देखील वाढते. बुरशी आणि जीवाणू वनस्पतींच्या मुळांना उपलब्ध करून देण्यासाठी पोषकद्रव्ये तोडून टाकतात आणि नंतर ते प्रवास, पुनरुत्पादन, पोषक द्रव्ये आणि क्षय या प्रक्रियेत घाण सैल करतात, ज्यामुळे सेंद्रिय पदार्थांच्या सुधारित पातळीसह माती हवाबंद राहते.
*❇️फळधारणा आणि फुलांची वाढ वाढवते:*
माशांच्या खतामुळे बटाटे, मिरपूड, काकडी, स्ट्रॉबेरी, सफरचंद, भेंडी आणि संत्री यासह विविध पिकांचे उत्पादन वाढते. हे फळांना गोड आणि ग्लॅडिओलस फुले मोठे बनविण्यास देखील मदत करते. या सुधारणा होण्याची शक्यता आहे कारण माशांच्या खतामध्ये नायट्रोजन, फॉस्फरस असते, जे निरोगी फळांच्या वाढीस मदत करण्यासाठी ओळखले जाते.
*❇️मुळांच्या वाढीस गती देते:*
माशांच्या खतामध्ये फॉस्फरस असते, जे वनस्पतींना निरोगी आणि मजबूत रूट सिस्टम विकसित करण्यास मदत करते. माशांच्या खतामुळे मातीचा पोत देखील सुधारतो, निचरा आणि वायुवीजन मोठ्या प्रमाणात सुधारते. चांगल्या पाण्याचा निचरा असलेल्या जमिनीत वाढणाऱ्या झाडांना मुळांच्या कुजण्याची किंवा जास्त ओलाव्यामुळे होणारे इतर रोग होण्याची शक्यता कमी असते.
*❇️जोमदार आणि मजबूत वनस्पतींना प्रोत्साहन देते:*
सर्व-नैसर्गिक माशांच्या खतांची मातीमध्ये वेगळ्या पद्धतीने प्रक्रिया केली जाते, कारण त्यामध्ये पोषक तत्व असतात जे प्रथम जीवाणू, गांडुळे आणि बुरशी यांसारख्या जीवांनी पचले पाहिजेत, ते वनस्पतींच्या मुळांसाठी उपलब्ध होण्यापूर्वी. ही सर्व सूक्ष्मजीव क्रिया जमिनीतील सेंद्रिय पदार्थांचे प्रमाण वाढवून वनस्पतींची ताकद आणि जोम वाढवते.
*❇️रोग आणि कीटक प्रतिकार:*
ज्या वनस्पतींना प्राथमिक आणि दुय्यम पोषक तत्वांचा समतोल मिळतो त्यांना मजबूत आणि स्थिर वाढीचा अनुभव येतो, ज्यामुळे रोग आणि कीटकांच्या समस्यांना अधिक चांगल्या प्रकारे तोंड देऊ शकणाऱ्या वनस्पती जोमदार बनतात.
❇️ फायदे:-
🔰 बियाण्यांची उगवण क्षमता वाढते.
🔰 पांढऱ्या मुळांची जलद व सपाट्याने वाढ होते.
🔰 झाड वेल निरोगी सुदृढ सक्षम रोगप्रतिकारशम बनते.
🔰रोग व कीटकांपासून जोम व प्रतिकारक्षमता सुधारते.
🔰फुल व फळधारणा होण्याची क्रिया ज जोमात वाढते.
🔰फुल व फळगळ थांबते. व फळांचा आकार वजन व प्रत मध्ये लक्षणीय वाढ होते.
🔰फळे चमकदार दर्जेदार व निर्यात क्षम बनतात.
🔰 फळे दीर्घकाळ टवटवीत राहून फळांची टिकवण क्षमता वाढते.
🔰अन्न घटकांच्या कमतरतेमुळे निर्माण होणाऱ्या विकृती (पाने पिवळी पडणे करपणे पान फुल व फळगळ होणे वाढ थांबणे तसेच रोगांवर प्रतिबंध करणे यावर नियंत्रण करते.
सर्व पिकांसाठी *१००% उपयुक्त*
🚀जमीनीतून-
🔰३ लिटर एकरी ड्रीप द्वारे/पाट पाण्याने.
🚀स्प्रे/फवारणी -
🔰1 लिटर २०० लिटर पाण्यामध्ये.(१५ दिवसानंतर दुसरा स्प्रे)
🔰 परत ३० दिवसांनी किंवा ४५ दिवसांनी वरील क्रिया परत करावी.
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Hinde*
*Fish Slurry Based Organic Manure*
✅मछली का घोल सर्वोत्तम जैविक खाद एक अद्भुत उर्वरक, कीटनाशक, वायरस नाशक और कवकनाशी के रूप में काम करता है।
✅इसमें फसलों के लिए उपयोगी सभी तत्व उपलब्ध हैं।
✅ आप इसका उपयोग बगीचों, सब्जियों की फसलों, फूलों की खेती, अनाज की फसलों, मसालों की फसलों के लिए कर सकते हैं।
✅All in one
*सफेद जड़ों में वृद्धि+पौधों की वृद्धि और चमकदार पत्तियों में वृद्धि+फूलों में वृद्धि+उपज में वृद्धि*
*3 इन 1 बूस्टर (टॉनिक, कीटनाशक, वायरस नाशक और फफूंदनाशक)* पर 100% उपयोगी।
* अनार, संतरा, मोसंबी, नींबू, अंगूर, कपास, सीताफल, केला, शावगा, गन्ना, तरबूज, तरबूज, प्याज, मिर्च, टमाटर, बैंगन, शिमला, भिंडी, कार्ली, डोडका, कद्दू, पपीता, केला, धनिया, मेथी , पत्तागोभी, फूलगोभी, सोयाबीन, अरहर, चना और अन्य सभी सब्जियां मछली घोल आधारित जैविक खाद का उपयोग कर सकती हैं*
*🔰Fish Slurry Based Organic Manure मधील घटक:-*
Fishmeal Slurry 70-75% ,Fish Oil,Herbal Bitterant Extract,Neemoil,Humic,Fulvic,Amino,Seaweed Extract,Cow Urine,Goat Urine,Sarso Khali,Castor Cake,Groundnut Cake,Jaggery,Tamarind,N-P-K Liquid Consortia
*🔰तरल मछली उर्वरक समुद्री मछली से बना एक जैविक उर्वरक है।*
*🔰यह एक अनोखी ठंडी एंजाइमेटिक प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित होता है जो विटामिन, अमीनो एसिड, एंजाइम, प्रोटीन, खनिज और विकास हार्मोन को संरक्षित करता है।*
*🔰इसमें मछली में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सभी सूक्ष्म और स्थूल पोषक तत्व भी शामिल हैं।*
❇️*बीज अंकुरण बढ़ाता है:*
बुआई से पहले बीजों को तरल मछली के खाद में भिगोने से बीज के अंकुरण, जड़ की वृद्धि और पौधे की शुरुआती शक्ति में सुधार होता है। तरल मछली उर्वरक का उपयोग जड़ों को उखाड़ने के समाधान के रूप में भी किया जा सकता है। जड़ों के विकसित होने तक कलमों को तरल मछली उर्वरक और पानी के घोल में रखें, फिर रोपें। यह प्रत्यारोपण के झटके को कम करता है और जड़ विकास को तेज करता है।
❇️*मिट्टी की उर्वरता को समृद्ध करता है:*
मछली की खाद मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करती है, और पौधों को बढ़ने के लिए आवश्यक प्राथमिक पोषक तत्व प्रदान करके मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है। कवक और बैक्टीरिया पोषक तत्वों को तोड़कर उन्हें पौधों की जड़ों तक पहुंचाते हैं और फिर यात्रा, प्रजनन, पोषक तत्वों और क्षय की प्रक्रिया में गंदगी को ढीला कर देते हैं, जिससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों के बेहतर स्तर के साथ हवा आती है।
❇️*फलों के बनने और फूलों की वृद्धि में वृद्धि:*
मछली के खाद से आलू, मिर्च, खीरा, स्ट्रॉबेरी, सेब, भिंडी और संतरे सहित विभिन्न फसलों की पैदावार बढ़ती है। यह फलों को मीठा और ग्लेडियोलस के फूलों को बड़ा बनाने में भी मदद करता है। ये सुधार संभावित हैं क्योंकि मछली के खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस होता है, जो स्वस्थ फलों के विकास को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
❇️*जड़ वृद्धि को तेज करता है:*
मछली के खाद में फास्फोरस होता है, जो पौधों को स्वस्थ और मजबूत जड़ प्रणाली विकसित करने में मदद करता है। मछली का खाद मिट्टी की बनावट में भी सुधार करता है, जिससे जल निकासी और वातन में काफी सुधार होता है। अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में उगने वाले पौधों में जड़ सड़न या अधिक नमी के कारण होने वाली अन्य बीमारियाँ विकसित होने की संभावना कम होती है।
❇️*सशक्त और मजबूत पौधों को बढ़ावा देता है:*
सभी प्राकृतिक मछली खाद को मिट्टी में अलग-अलग तरीके से संसाधित किया जाता है, क्योंकि उनमें पोषक तत्व होते हैं जिन्हें पौधों की जड़ों के लिए उपलब्ध होने से पहले बैक्टीरिया, केंचुए और कवक जैसे जीवों द्वारा पचाया जाना चाहिए। यह सभी सूक्ष्मजीवी गतिविधि मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ाकर पौधों की ताकत और शक्ति बढ़ाती है।
❇️रोग एवं कीट प्रतिरोध: जिन पौधों को प्राथमिक और द्वितीयक पोषक तत्वों का संतुलन प्राप्त होता है, वे मजबूत और स्थिर विकास का अनुभव करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मजबूत पौधे बनते हैं जो बीमारी और कीट समस्याओं का बेहतर सामना कर सकते हैं।
❇️ फायदा
🔰 बीजों की अंकुरण क्षमता बढ़ती है.
🔰सफेद जड़ें तेजी से और समान रूप से बढ़ती हैं।
🔰बेल से स्वस्थ और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनती है।
🔰रोगों और कीटों से शक्ति और प्रतिरक्षा में सुधार करता है।
🔰फूल एवं फल लगने की क्रिया तीव्रता से बढ़ती है।
🔰फूल आना और फल लगना बंद हो जाता है। और फलों के आकार, वजन और गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
🔰फल चमकदार गुणवत्ता वाले और निर्यात योग्य हो जाते हैं।
🔰फल लंबे समय तक ताज़ा रहते हैं और फलों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है.
🔰पोषक तत्वों की कमी (पात्ती का पीला पड़ना, पत्तियों एवं फलों का पीला पड़ना, विकास का रुकना) से होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करता है एवं बीमारियों की रोकथाम करता है।
*सभी फसलों के लिए 100% उपयुक्त*
🚀जमीन से-
🔰3 लीटर प्रति एकड़ ड्रिप द्वारे पानी से।
🚀स्प्रे/स्प्रे -
🔰1 लीटर 200 लीटर पानी में। (दूसरा छिड़काव 15 दिन बाद)
🔰 उपरोक्त क्रिया 30 दिन या 45 दिन बाद दोहराएँ।