Fish Slurry Based 3 In 1 Booster (5 Ltr) Buy 2 Get 1 Free(Diwali Offer-2025)

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*Fish Slurry Based Organic Manure*

✅मछली का घोल सर्वोत्तम जैविक खाद एक अद्भुत उर्वरक, कीटनाशक, वायरस नाशक और कवकनाशी के रूप में काम करता है। 

✅इसमें फसलों के लिए उपयोगी सभी तत्व उपलब्ध हैं। 

✅ आप इसका उपयोग बगीचों, सब्जियों की फसलों, फूलों की खेती, अनाज की फसलों, मसालों की फसलों के लिए कर सकते हैं।


✅All in one

*सफेद जड़ों में वृद्धि+पौधों की वृद्धि और चमकदार पत्तियों में वृद्धि+फूलों में वृद्धि+उपज में वृद्धि* 

*3 इन 1 बूस्टर (टॉनिक, कीटनाशक, वायरस नाशक और फफूंदनाशक)* पर 100% उपयोगी।

* अनार, संतरा, मोसंबी, नींबू, अंगूर, कपास, सीताफल, केला, शावगा, गन्ना, तरबूज, तरबूज, प्याज, मिर्च, टमाटर, बैंगन, शिमला, भिंडी, कार्ली, डोडका, कद्दू, पपीता, केला, धनिया, मेथी , पत्तागोभी, फूलगोभी, सोयाबीन, अरहर, चना और अन्य सभी सब्जियां मछली घोल आधारित जैविक खाद का उपयोग कर सकती हैं*


*🔰Fish Slurry Based Organic Manure मधील घटक:-*

Fishmeal Slurry 70-75% ,Fish Oil,Herbal Bitterant Extract,Neemoil,Humic,Fulvic,Amino,Seaweed Extract,Cow Urine,Goat Urine,Sarso Khali,Castor Cake,Groundnut Cake,Jaggery,Tamarind,N-P-K Liquid Consortia



*🔰तरल मछली उर्वरक समुद्री मछली से बना एक जैविक उर्वरक है।*

*🔰यह एक अनोखी ठंडी एंजाइमेटिक प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित होता है जो विटामिन, अमीनो एसिड, एंजाइम, प्रोटीन, खनिज और विकास हार्मोन को संरक्षित करता है।*

*🔰इसमें मछली में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सभी सूक्ष्म और स्थूल पोषक तत्व भी शामिल हैं।*


❇️*बीज अंकुरण बढ़ाता है:* 

बुआई से पहले बीजों को तरल मछली के खाद में भिगोने से बीज के अंकुरण, जड़ की वृद्धि और पौधे की शुरुआती शक्ति में सुधार होता है। तरल मछली उर्वरक का उपयोग जड़ों को उखाड़ने के समाधान के रूप में भी किया जा सकता है। जड़ों के विकसित होने तक कलमों को तरल मछली उर्वरक और पानी के घोल में रखें, फिर रोपें। यह प्रत्यारोपण के झटके को कम करता है और जड़ विकास को तेज करता है। 

❇️*मिट्टी की उर्वरता को समृद्ध करता है:*

मछली की खाद मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करती है, और पौधों को बढ़ने के लिए आवश्यक प्राथमिक पोषक तत्व प्रदान करके मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है। कवक और बैक्टीरिया पोषक तत्वों को तोड़कर उन्हें पौधों की जड़ों तक पहुंचाते हैं और फिर यात्रा, प्रजनन, पोषक तत्वों और क्षय की प्रक्रिया में गंदगी को ढीला कर देते हैं, जिससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों के बेहतर स्तर के साथ हवा आती है।

❇️*फलों के बनने और फूलों की वृद्धि में वृद्धि:*

मछली के खाद से आलू, मिर्च, खीरा, स्ट्रॉबेरी, सेब, भिंडी और संतरे सहित विभिन्न फसलों की पैदावार बढ़ती है। यह फलों को मीठा और ग्लेडियोलस के फूलों को बड़ा बनाने में भी मदद करता है। ये सुधार संभावित हैं क्योंकि मछली के खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस होता है, जो स्वस्थ फलों के विकास को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।

❇️*जड़ वृद्धि को तेज करता है:*

मछली के खाद में फास्फोरस होता है, जो पौधों को स्वस्थ और मजबूत जड़ प्रणाली विकसित करने में मदद करता है। मछली का खाद मिट्टी की बनावट में भी सुधार करता है, जिससे जल निकासी और वातन में काफी सुधार होता है। अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में उगने वाले पौधों में जड़ सड़न या अधिक नमी के कारण होने वाली अन्य बीमारियाँ विकसित होने की संभावना कम होती है।

❇️*सशक्त और मजबूत पौधों को बढ़ावा देता है:*

सभी प्राकृतिक मछली खाद को मिट्टी में अलग-अलग तरीके से संसाधित किया जाता है, क्योंकि उनमें पोषक तत्व होते हैं जिन्हें पौधों की जड़ों के लिए उपलब्ध होने से पहले बैक्टीरिया, केंचुए और कवक जैसे जीवों द्वारा पचाया जाना चाहिए। यह सभी सूक्ष्मजीवी गतिविधि मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ाकर पौधों की ताकत और शक्ति बढ़ाती है।

❇️रोग एवं कीट प्रतिरोध: जिन पौधों को प्राथमिक और द्वितीयक पोषक तत्वों का संतुलन प्राप्त होता है, वे मजबूत और स्थिर विकास का अनुभव करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मजबूत पौधे बनते हैं जो बीमारी और कीट समस्याओं का बेहतर सामना कर सकते हैं।

❇️ फायदा 

🔰 बीजों की अंकुरण क्षमता बढ़ती है.

🔰सफेद जड़ें तेजी से और समान रूप से बढ़ती हैं।

🔰बेल से स्वस्थ और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनती है।

🔰रोगों और कीटों से शक्ति और प्रतिरक्षा में सुधार करता है।

🔰फूल एवं फल लगने की क्रिया तीव्रता से बढ़ती है।

🔰फूल आना और फल लगना बंद हो जाता है। और फलों के आकार, वजन और गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

🔰फल चमकदार गुणवत्ता वाले और निर्यात योग्य हो जाते हैं।

🔰फल लंबे समय तक ताज़ा रहते हैं और फलों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है.

🔰पोषक तत्वों की कमी (पात्ती का पीला पड़ना, पत्तियों एवं फलों का पीला पड़ना, विकास का रुकना) से होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करता है एवं बीमारियों की रोकथाम करता है।

           *सभी फसलों के लिए 100% उपयुक्त*

🚀जमीन से- 
   🔰3 लीटर प्रति एकड़ ड्रिप द्वारे पानी से।
   
🚀स्प्रे/स्प्रे -
                  🔰1 लीटर 200 लीटर पानी में। (दूसरा छिड़काव 15 दिन बाद)

 
🔰 उपरोक्त क्रिया 30 दिन या 45 दिन बाद दोहराएँ।